Friday 2 January, 2009

सेवक संजयनाथ काली न्यास की स्थापना - 1993


मंदिर की स्थापना के बाद मुझे यह एहसास हुआ की मेरे जीवन के पश्चात कही यह मंदिर ओर भूमि परिवारवाद के अधिपत्या मैं ना पड़ जाए. इस सोच के कारण मैने 5 फ़रवरी 1993 में सेवक संजयनाथ कालीन्यास नामक एक चारिटबल ट्रस्ट की स्थापना की. इस ट्रस्ट का मुख्य उदेश्य माँ काली का मंदिर, स्कूल,कॉलेज हॉस्पिटल,धर्मशाला,वृधया आश्रम, अनाथ आश्रम जैसे सामाजिक क्रायो को प्रोत्साहित करना है।
इस ट्रस्ट को सुराक्षित करने हेतु मैने 10 नियम रिजिस्टर करवाए।
1. इस ट्रस्ट का पीठाधीश आजीवन अविवाहित सन्यासी होगा और माँ काली का भक्त होना चाहिए. पीठाधीश ही इस ट्रस्ट के स्थाई ट्रस्टी होंगे
२ पीठाधीश ही अपने उत्तराधिकारी पीठाधीश का चयन करेंगे. किसी कारणवश अगर पीठाधीश किसी का चयन नही कर पाए तो ट्रस्ट के स्थाई सदस्य ही उत्तराधिकारी का चयन करेंगे।
3. पीठाधीश अगर किसी कारणवश विवाह कर लेते हैं तब स्वतः ही वह इस पद से मुक्त समझे जाएँगे ओर नये पीठाधीश का चुनाव स्थाई सदस्य के द्वारा होगा
4. इस ट्रस्ट में दो प्रकार के सदस्य होंगे. स्थाई ओर अस्थाई सदस्य
5. इस ट्रस्ट में सिर्फ़ 2 स्थाई सदस्य होंगे. एक पीठाधीश ओर दूसरा डॉक्टर विन्दा प्रसाद वर्मा के परिवार के कोई एक सदस्य होने चाहिए
6. इस ट्रस्ट की एक स्थाई कार्यकारिणी कमिटी होगी जिसमें एक अध्यक्ष, एक सचिव, एक कोषाध्यक्ष और अन्य सदस्य होंगे जिनका चुनाव हर दो वर्ष पर होगा . बीच में किसी प्रकार अस्थाई समिति के द्वारा किसी प्रकार की त्रुटि पाए जाने पर पीठाधीश और स्थाई सदस्यों के द्वारा कभी भी इस कमिटी को भंग किया जा सकता है और नये कमिटी का गठन किया जा सकता है।
7। इस ट्रस्ट की पूरी व्यवस्था और विकास की ज़िम्मेदारी अकेले पीठाधीश की होगी
8. इस ट्रस्ट के मंदिर और बाकी सामाजिक संस्थान से आने वाली पूरी आमदनी को ट्रस्ट के नाम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रक्सौल या फिर किसी दूसरे बैंक में ट्रस्ट के नाम पर जमा कराया जाएगा. इस अकाउंट को पीठाधीश एवं सेक्रेटरी द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाएगा।
9। इस ट्रस्ट की संपति को कोई भी किसी भी स्थिति में बेच और ट्रान्स्फर नही कर सकता. पीठाधीश को भी यह अधिकार नही होगा।
10. पीठाधीश को ट्रस्ट की अधिक संपति को किसी भी सरकारी या सामाजिक संस्थान में प्रयोग करने का अधिकार होगा. इस ट्रस्ट के सभी बहिखते एवं विपत्र पीठाधीश के अधीन होंगे
११ इस ट्रस्ट कमिटी और ट्रस्ट के ऑफीस के सभी निर्णय जॉइंट कमिटी पास करेगी.